THE 2-MINUTE RULE FOR BEST HINDI STORY

The 2-Minute Rule for best hindi story

The 2-Minute Rule for best hindi story

Blog Article

एक गाँव में सावित्री नाम की एक बच्ची अपने माता ापिता और तीन भाइयों के साथ रहती थी। एक दिन, सावित्री के माता पिता तीर्थ यात्रा पर चले गए। माता पिता के जाने के बाद तीनो भाइयों ने सावित्री को परेशान करना शुरुर कर दिया।

पिंटू दौड़कर अपनी मां को बुला लाता है।

धीरे-धीरे वहां से लोगों ने कूड़ा फेंकना बंद कर दिया, और इतनी खूबसूरत पेंटिंग दीवार पर थी कि कोई अब वहां खड़े होकर पेशाब भी नहीं करता था। देखते ही देखते वह रास्ता साफ हो गया था।

'.....हर कोई दूसरे को छल रहा है और हर कोई दूसरे के द्वारा छला गया है.

हरियाणा में बीफ़ के शक़ में बंगाल के एक युवक की पीट-पीटकर हत्या, क्या है पूरा मामला

The narrative weaves together the life of diverse characters, reflecting the exceptional tapestry of Varanasi, with the ghats together the Ganges on the slim lanes pulsating with town’s history. By using a blend of humour, satire, and social commentary, Kashi Ka Assi

क्या किसी ने सुंदरी को देखा है? – Have you ever found Sundari? Hindi – An enjoyable and interactive recreation for your small ones though honing their studying expertise.

कालिया ने शेरू को रोटी खाता हुआ देख जोर से झटका और रोटी लेकर भाग गया।

ऐसा करते करते चुनमुन के बच्चे आसमान में उड़ने लगे थे।

आर्थिक विषमता को किसी अमानुषिक वास्तविकता की त्रासदी में बदलते देखना आज की वंचना और अमीरी की खाइयों में बाँटने वाली राजनीति और समाज व्यवस्था पर यह कहानी एक कालजयी तमाचे की तरह है.

दोनों ने सावित्री की मदद करने की ठानी। सांप ने रस्सी से जुड़ कर रस्सी को लम्बा बना दिया और मेंढक घड़े में इस तरह बैठ गया की घड़े छेद बंद हो गया। सावित्री पानी निकाल कर ख़ुशी ख़ुशी घर चली गई।

भुवाली की इस छोटी-सी कॉटेज में लेटा,लेटा मैं सामने के पहाड़ देखता हूँ। पानी-भरे, सूखे-सूखे बादलों के घेरे देखता हूँ। बिना आँखों के झटक-झटक जाती धुंध के निष्फल प्रयास देखता हूँ और फिर लेटे-लेटे अपने तन का पतझार देखता हूँ। सामने पहाड़ के रूखे हरियाले में कृष्णा सोबती

क्रोध और वेदना के कारण उसकी वाणी में गहरी तलख़ी आ गई थी और वह बात-बात में चिनचिना उठता था। यदि उस समय गोपी न आ जाता, तो संभव था कि वह किसी बच्चे को पीट here कर अपने दिल का ग़ुबार निकालता। गोपी ने आ कर दूर से ही पुकारा—“साहब सलाम भाई रहमान। कहो क्या बना रहे विष्णु प्रभाकर

चुनमुन कहती अभी थोड़ी और बड़ी हो जाओ तब सिखाएंगे। बच्चे दिनभर ची ची ची ची करके चुनमुन को परेशान करते।

Report this page